व्हाट्सएप इस वक़्त दुनिया का सबसे ज्यादा प्राइवेट मैसेंजिंग एप बन चूका है। चूँकि ये काफी सिक्योर भी हैं इसलिए ये सभी के दिलो पर बरसों से राज करता आ रहा हैं। 2014 में फेसबुक ने इसे खरीद लिया था, और अब फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक को व्हाट्सप्प जैसा बनाने की शोधता शुरू कर दी हैं। मार्क जुकरबर्ग ने कहा की कि "प्राइवेट मैसेजिंग सिर्फ फेसबुक के फ्यूचर के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह फेसबुक का फ्यूचर है."
दरअसल मार्क जकरबर्ग ने एक पोस्ट लिखा है जो पूरी तरह से प्राइवेसी पर फोकस्ड है. चूंकि कैंब्रिज अनालिटिका के बाद से फेसबुक प्राइवेसी को लेकर सावालों में रहा है और जकरबर्ग की आलोचना भी हुई है, इसलिए अब कंपनी प्राइवेसी को लेकर कोई चूक होने देना नहीं चाहती.
भारत में WhatsApp प्राइवेसी और एन्क्रिप्शन को लेकर कुछ समय से लगातार चर्चा है. फेक न्यूज और अफवाह बड़ी समस्या बन कर उभरे हैं. इससे निपटने के लिए सरकार चाहती है कि वॉट्सऐप फेक न्यूज या अफवाह फैलाने वालों का ऑरिजिन पता करे, लेकिन वॉट्सऐप में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से असंभव है
Facebook And Whatsapp News In Hindi |
दरअसल मार्क जकरबर्ग ने एक पोस्ट लिखा है जो पूरी तरह से प्राइवेसी पर फोकस्ड है. चूंकि कैंब्रिज अनालिटिका के बाद से फेसबुक प्राइवेसी को लेकर सावालों में रहा है और जकरबर्ग की आलोचना भी हुई है, इसलिए अब कंपनी प्राइवेसी को लेकर कोई चूक होने देना नहीं चाहती.
पोस्ट के माध्यम से दिया न्यूज़
मार्क जकरबर्ग के इस पोस्ट का टाइटल है, ‘A privacy focused vision for social networking’. इस पोस्ट में उन्होंने प्राइवेसी के बारे लिखा है. जकरबर्ग के मुताबिक आने वाले समय में फेसबुक के प्राइवेसी सिस्टम को व्हाट्सप्प जितना सिक्योर बनाएगी।मार्क जुकरबर्ग ने कहा...
मार्क जकरबर्ग के इस पोस्ट से अब साफ है कि वॉट्सऐप में लोगों को ट्रेस करने के लिए कोई टूल नहीं आएगा. जकरबर्ग ने कहा है, ‘कम्यूनिकेशन का फ्यूचर तेजी से प्राइवेट हो रहा है, एनक्रिप्टेड सर्विस की तरफ शिफ्ट हो रहा है जहां लोग कॉन्फिडेंट हो सकें कि वो एक दूसरे बात चीत करते हैं वो सिक्योर हैं और उनके मैसेज सिक्योर हैं. इसी तरह का भविष्य मैं चाहता हूं और हम इसे लाने में मदद करेंगे’भारत में WhatsApp प्राइवेसी और एन्क्रिप्शन को लेकर कुछ समय से लगातार चर्चा है. फेक न्यूज और अफवाह बड़ी समस्या बन कर उभरे हैं. इससे निपटने के लिए सरकार चाहती है कि वॉट्सऐप फेक न्यूज या अफवाह फैलाने वालों का ऑरिजिन पता करे, लेकिन वॉट्सऐप में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से असंभव है
Post a Comment